ओ पापी मन करले भजन
मौका मिला हैं तो कर ले जतन
बाद में प्यारे पछतायेगा जब
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा तब
तू हाथ मलता ही रह जाएगा।
क्यों करता है तेरा मेरा
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
दो दिन का है ये जीवन तेरा
फिर क्या तेरा फिर क्या मेरा
हो....….........…...
क्या तू लेकर आया था क्या तू लेकर जाएगा
जैसा किया कर्म तूने वैसा ही फल पाएगा
बाद में प्यारे पछतायेगा
जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा तब
तू हाथ मलता ही रह जाएगा
भरी जवानी तू जी भर के सोया
आया बुढ़ापा तो देख के रोया
पायेगा तू अब वैसा ही प्यारे
जैसा भी था पहले तूने बोया
हो.................
प्रभु की नजर से तू बच नहीं पाएगा
आएगा बुढापा तो थर थर काँपेगा
बाद में प्यारे पछतायेगा जब
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा तब
तुम हाथ मलता ही रह जाएगा
ओ पापी मन करले भजन
मौका मिला हैं तो कर ले जतन
बाद में प्यारे पछतायेगा जब
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा तब
तू हाथ मलता ही रह जाएगा।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें