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2023 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

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बुधवार, 20 दिसंबर 2023

मेरे जीवन के विरानियों में सुंदर बगिया की बहार हो तुम- रचना लव तिवारी

ताजमहल की सुंदरता लिए एक अनुपम उपहार हो तुम।मेरे जीवन के विरानियों में सुंदर बगिया की बहार हो तुम।।देख कर तुमको आहे भरता औऱ तड़पता तुम्हारी यादों में।ईश्वर रूपी एक फरिस्ता बन अदभुत पहचान हो तुम।।एक तम्मना लिए खुदा से मांगता हूं दिन रात तुम्हें।हो जाती तुम मेरी साजना अमृत घड़ा की प्यास हो तुम।तुमको पाने की उम्मीद में कैसे कटते है दिन रात मेरे।ख़ुदा तुमको हमें सौंप दे इस दुनियां की सौगात हो तु...

मंगलवार, 19 दिसंबर 2023

तुम्हें पाकर खोने को कुछ नही जिंदगी एक ख़्वाब साजोंने को कुछ नही- रचना लव तिवारी

तुम्हें पाकर खोने को कुछ नही जिंदगी एक ख़्वाब साजोंने को कुछ नही।आदमी में भला क्या मांगू ख़ुदा सेमुझको सब मिल गया पाने को कुछ नही।एक हसरत लिए अब भी बैचेन सा होता हैभर दु मांग तेरा अब पछताने को कुछ नही।बन के रहना तुम मेरी यही तम्मना है मेरी।दुनिया मेरी मुस्कुराती रहें अब आज़माने को कुछ नहीदूसरा- ग़ज़लकुछ नहीं बस तू ही है जिंदगी मेरे नाम की,आते जाते ख्वाबों में बस गई एक जान सी।मुझको मिल गया जो चाहा और ख़ुदा से क्या चाहु।हसरते पूरी हुई जो ख़्वाब थी अरमान की।मुझसे...

शादीशुदा स्त्री अक्सर कर बैठती है इश्क- अज्ञात

शादीशुदा स्त्री अक्सर कर बैठती है इश्क मांग में सिंदूर होने के बाबजूद जुड़ जाती है किसी के अहसासो से कह देती है उससे कुछ अनकही बाते ऐसा नहीं कि बो बदचलन है या उसके चरित्र पर दाग है.. तो फिर वो क्या है जो वो खोजती है सोचा कभी स्त्री क्या सोचती है तन से वो हो जाती है शादीशुदा पर मन कुंवारा ही रह जाता है किसी ने मन को छुआ ही नहीं कोई मन तक पहुंचा ही नहीं बस वो रीती सी रह जाती है और जब कोई मिलता है उसके जैसा जो उसके मन को पढ़ने लगता है तो...

तकलीफ़ दुनिया मे कम कहा है किसके आगे रोया जाए- रचना लव तिवारी

तकलीफ़ दुनिया मे कम कहा है। किसके आगे रोया जाए।हम सल्तनत के राजा नहीँकैसे किसी को ढोया जाय।सत्ता जिसकी है वो बेख़बर हैनेता और अधिकारी जनमेरा आंसू कौन पोछेगाकिसको हमदर्द कहा जाये।।इस दुनिया मे जो भी आयासब कुछ न कुछ दर्द लिए है।मेरी हालत ऐसी है किसबके दर्द को को न सहा जाएमेरे मालिक तेरी दुनिया मे ऐसा क्यों अन्याय है।जो तेरा है वही दुःखी है किस किस से निपटा जा...

ताजमहल सी खूबसूरत एक फ़रमान हो तुम। मेरे पवित्र प्यार की उमीद वफ़ा यार हो तुम।।रचना लव तिवारी

ताजमहल सी खूबसूरत एक फ़रमान हो तुम।मेरे पवित्र प्यार की उमीद वफ़ा यार हो तुम।।रहो सलामत हरदम जले तुम्हारे दुश्मन सब।आती जाती ठंडी हवा की एक बयार हो तुम।।मुझपर बस एहसान कर मेरी हो जाओ तुम।और कुछ नही चाहिये खुदा से मेरी प्राण हो तुम।।ख़ुद से ज्यादा भरोसा करते है दिन रात तुम्ही पर।और किसी मत हो जाना मेरी जान हो तुम।।2- शेरदिन रात तुझे में देखु बस यही तम्मना सौ बार मेरी।तुम भी मुझकों देखा करना दिल का है अरमान यही।।आ जाओ पास मेरे दुनिया के सारे रिश्ते को...

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

मेरा दर्द क्या है यह मैं दुनिया को दिखला नहीं सकता- रचना लव तिवारी

मेरे सामने बैठे हुए प्यार को मैं अपना नहीं सकता।इस दुनिया झुठी रिवाज़ से मैं टकरा नही सकता।।अब तो यही रह गया है इस जमाने की फ़ितरत में ।पास रखी अपनी ही वस्तु को भी कोई पा नहीं सकता।।जिसको जो चाहे मिल जाए ऐसा ख़ुदा क्यों नहीं करता।हर प्यार करने वाला अपने दर्द को ठुकरा नहीं सकता।एक तुम ही तो हो जो मेरे दिल दिमाग जहन में बैठे हो।क्या कोई अपने दिल की धड़कनों को धड़का नहीं सकता।।किस्मत मेरी निक्कमी है जो महबूब के प्यार को पा ना सकूं।मेरा दर्द क्या है यह...

बुधवार, 13 दिसंबर 2023

मैं जानता हूं कि तुम मेरी नहीं हो फिर भी तुमको पाने को दिल करता है रचना- लव तिवारी ग़ाज़ीपुर

ये आंखें ये होंठ और सादगी भरा चेहरा इसमें डूब जाने को दिल करता है।मैं जानता हूं कि तुम मेरी नहीं हो फिर भी तुमको पाने को दिल करता है।।।यह जमाने के दस्तूर और नियम हमारे लिए नहीं हैये सब जानकर फिर भी तुमसे दिल लगाने को जी करता है।तुम मेरी हो कर रहोगी इस बात का यक़ीन मुझे भी है।फिर भी तुम्हारे याद में दिल को धड़काने का जी करता है।खुदा तुम्हें हर शोहरत हर ना चीज से नवाजे इस जमाने में जो तेरे दुश्मन है उनको रास्तों से हटाने को जी करता है।आदमी में भी बुरा...

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

देखते देखते सो जाते हैं इन खूबसूरत चेहरे को। रचना लव तिवारी

देखते देखते सो जाते हैं इन खूबसूरत चेहरे को।मेरे दर्द को तुम क्या जानो नही सोचते किसी औरों को।तुम ही मेरी दवा दुआए साथ हो मेरे हक़ीम भी।नहीं समझोगे तो मर जाएंगे दर्द लिए इन जख्मों को।।चाह के तुमको गुनाह किया हूं तड़प रहा हूं पल पल मेंतुम भी मुझको वैसे ही चाहों जैसे चाहत हो वर्षो कीसपने मेरे सच कर जाओ आकर तुम मेरी बन जाओ इस दुनिया में जो ना हो सका वो करके तुम दिखलाओ।एक तम्मना हरदम मेरी, तुम्हारा परचम ही लहरायेजो तुम्हारा जानी दुश्मन है वो खाक में मिल...

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

आप की याद हमें अक्सर रुलाती है क्या करें आप भी कहा साथ निभाती है रचना लव तिवारी

आप की याद हमें अक्सर रुलाती है। क्या करें आप भी कहा साथ निभाती है। दिल मे रखकर दूर है इसका किसे ख़बर ये दर्द मेरा मुझको दिन रात तड़पाती है। मारा गया हूं तेरा प्यार का कोई दवा नही एक चेहरा तेरा देख लू तो सुकून की नींद आती है। जमाने की तरह तुम भी अब मतलबी न बन जाओ तुम भी तो मेरा दर्द समझो जिसे दुनिया सताती ...

ख़ुदा का शुक्र देखिए कि आप हमको ही मिल गए रचना - लव तिवारी

नजर में बसते बसते कब दिल में बस गए।आदमी थे आप गैर कब रूह में उतर गए।।इतनी मोहब्ब्त किसी से मैंने की नही कभीआप है जो खुशियों से दामन मेरा भर दिए।कुछ लोग ने मुझसे आप के बारे में कुछ कहा।तो फिर क्या है देखिए कि हम ज़माने से भीड़ गए।।हर शख्स है पागल आप को पाने की चाह में।ख़ुदा का शुक्र देखिए कि आप हमको ही मिल गए।।मेरा वजूद बढ़ा है आप शख्शियत को पाने सेकुछ लोग मुझसे कहते है कि आप धन्य हो ग...

रविवार, 10 दिसंबर 2023

मेरा हक अब किसी को न देना मेरी हो तो बस मेरी ही होना रचना - लव तिवारी

मेरा हक अब किसी को न देना।मेरी हो तो बस मेरी ही होना।।मेरी धङकन हो गयी हो जबसे तुम,अब किसी से क्या लेना देना।।मेरी अमानत हैं तेरा वो प्यारा दिलअब किसी को इसे कभी मत देना।ख़ुदा तुम्हें रखेगा सलामतइस दुनिया से फिर क्या लेना।सारी मुरादे हो आप की पूरीदुनिया मे बस आप का होनालव तुमको चाहेगा हरदम।यही तम्मना मरते दम तक देना।।रचना - लव तिव...

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

तुम्हारी याद ही मुझको हर पल हर वक्त क्यों सताती हैं- लव तिवारी

तुम्हारी याद ही मुझको हर पल हर वक्त क्यों सताती है।ये दुनिया क्या कोई कम है निगाह तुम पर ही जाती है।बड़ा दुष्वार है जीना इस दौर में तुम्हारे बिना।मेरी दुनिया बस तुम हो ये क्यों नही समझ पाती हो। ये जीवन तुम बिन मुझको बहुत सुना सा लगता है।जमाने भर की खुशियां मुझे क्यो नही रास आती है।।मैं मर जाऊँगा तुम बिन जब तुम मेरी हो न पाओगी।दुनिया की कोई तकलीफ़ मुझे नही दर्द दे पाती है।कभी आओ मेरी बाहों में लिपट कर अपने गम सारे दे दो।जब तुम ख़ुश होते हो तभी तो मुझे...

गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

इतिहास गवाह बा क्षत्रिय बल से ना छल से मारल गईल बा -कुमार अजय सिंह गीतकार

🗡️✍️ क्षत्रिय के बलिदान ✍️🗡️बीरवन के बीर गति होखल,ई इतिहास के बात पुरान बा अत्याचार के विरोध करे में,क्षत्रिय के भइल बलिदान बा चाहे लड़ाई आजादी के होखे,चाहे बॉडर के सुरक्षा केबीना क्षत्रिय के शस्त्र उठइले,वतन के,के करी रक्षा के क्षत्रिय वंश के त्याग तप के,जानत जगत हिन्दुस्तान बाअत्याचार के विरोध करे में,क्षत्रीय के भइल बलिदान बा जब करवट सता लेला,चाहे लाज राखेके होला कानुन केरणभूमी में कुद जाला,अपने हाथे तिलक लगाके खुन के ना...

बुधवार, 6 दिसंबर 2023

तोहरा बीना कतहुं लागे नाही मन रनीया हऊ जिन्दगी के हमरा तुहीं धन रनीया - गीतकार कुमार अजय सिंह

✍️ जिन्दगी के धन हमार रानी ✍️ तोहरा बीना कतहुं लागे,नाही मन रनीयाहऊ जिन्दगी के हमरा,तुहीं धन रनीयाऽ ओठ चटकार लाल,सुगनी के ठोर बाचढ़ल जवानी भरल,रस पोरे पोर बारह दिल के भीतर इहे,बा खखन रनीया हऊ जिन्दगी के हमरा,तुहीं धन रनीयाऽ दिनवा तऽ ऐने ओने,घुम फिरके कटेला रतिया में बीना तोहके,अंखियां ना सटेला सट के सुतीले मन होला,टनाटन रनीया हऊ जिन्दगी के हमरा,तुहीं धन रनीयाऽ लवकुश तिवारी के,लेलऽ आशीर्वाद तु गोलु साथे जीवन कटी,रहबु आबाद तु "अजय" कहस बड़ा लागेलु...

शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

दिल के सच्चे लगते हो तभी तो अच्छे लगते हो आदत तुम्हारी इतनी प्यारी,तभी तो बच्चे लगते हो- रचना लव तिवारी

दिल के सच्चे लगते हो, तभी तो अच्छे लगते हो।आदत तुम्हारी इतनी प्यारी, फिर क्यों बच्चे लगते हो।मुझपर अपना प्यार लुटाकर, हमदर्दी की बात जताकर।हर पल हर क्षण यादों में, अक्सर चलते रहते हो।।मेरी दुनिया तुमसे है और तुम हो मेरी जाने तम्मना।करू इबादत तुम्हारी ही बस, मुझकों ख़ुदा तुम लगते होसास का क्या कब थम जाये, जीवन अपना कब रुक जाए।इस दुनिया की आपा धापी में, बस तुम ही सच्चें लगते हो।गीता और कुरान की बातें, सब अपने जगह पर सब ठीक है।बातें तुम्हारी खुश रखती...

हमने भी जिंदगी में क्या हासिल किया रचना ऋषिता सिंह

हमने भी जिंदगी में क्या हासिल कियाअपने ही ग़म में लोगों को शामिल कियादेवता हो न जाए यहाँ हम भी फिरइस दफ़ा हमने पत्थर को भी दिल कियामैं तो कमज़र्फ़ हूँ और तू है ज़कीलोगों ने मेरा सच फिर तो बातिल कियाबाख़बर थी मैं भी इश्क़ की चाल सेऔर फिर इश्क़ ने तेरे ग़ाफ़िल कियाआए भी तुम थे तो चोर दरवाज़े सेये मिरी ही ख़ता तुमको दाख़िल कियारचना- ऋषिता सिंहयुवराजपुर गाज़ीपुर उत्तर प्र...

बिना कुछ किये हुए कोई भी काम मुकम्मल नहीं होता- रचना नीरज कुमार मिश्रा बलिया ,

"बिना कुछ किये हुए कोई भी काम मुकम्मल नहीं होता,बिना किसी प्रयास के किसी समस्या का हल नहीं होता,ज़रूर उसने अटूट विश्वास किया होगा अपना समझकर,नहीं तो बिना विश्वास किये किसी के साथ छल नहीं होता,अगर मिली है ज़िंदगी तो किसी के परमार्थ कुछ अच्छा करो!,मरणोपरांत जग में नाम नहीं होने पर जीवन सफ़ल नहीं होता,तुम्हारी सफलताओं पर तुम्हारे कथित अपने ही ज़हर उगलेंगे,आस्तीन के सांप से ज़्यादा किंग कोबरा में भी गरल नहीं होता,अपने अधिकारों को पाने लिए तुमको स्वयं...

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

आदमी में कैसा जो तुम्हारी याद में रो लेता हूँ- लव तिवारी

तेरी तस्वीर को दिल से लगाकररात की तन्हाइयों में तुम्हें अपना बनाकरकई उलझे किस्सों को भी सुलझाकरगैरो से छीन कर तुम्हें अपना बनाकरमैं अक्सर तुम्हें सोचकर खुश हो लेता हूंआदमी में कैसा जो तुम्हारी याद में रो लेता हूँ।आदमी मैं कैसा...........आदत कैसे सुधारू तुम्हारे अपना बनाकरदिल की तड़प की हर हद में जाकरइस दौर में कोई अपना दूर रहता है क्याइस दर्द भरे बात को भी अपना मानकरमेरी अमानत तू किसी गैर के पास आज भी है।जहन में रखकर तुम्हारी तस्वीर को चूम लेता हूं।आदमी...

प्यारी सुंदर मूरत की एक दिव्य प्रतिमा हो तुम। ना जाने कितनों के दिल की गरिमा हो तुम रचना लव तिवारी ग़ाज़ीपुर

प्यारी सुंदर मूरत की एक दिव्य प्रतिमा हो तुम।ना जाने कितनों के दिल की गरिमा हो तुम।खुदा रखे तुम्हें हर दम सलामत यही दुआएं है मेरी।मेरा बनकर साथ रहो बस यही तम्मना हो तुम।।कोई तुमको भी चाहे इससे हमें एतराज़ नही। तुम बस मुझको ही चाहों बन जाओ विश्वास मेरी।।कोई गम ना कोई पीड़ा तुमको न कभी तड़पाये। तेरे हिस्से का दुःख- दर्द भी मेरे हिस्से में आये।रहो खुश तुम सदा जीवन में, जहाँ रहो मेरी दिलरुबा।तेरी ख़ुशी से में भी खुश रहू, यही हमारी है दुआ।।रचना- लव तिवारी ग़ाज़ीपुर...

बुधवार, 29 नवंबर 2023

मुझमें डूब कर सवर जाने की बात कर- रचना लव तिवारी गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

मुझमें डूब कर सवर जाने की बात कर।तुमसे क्या रिश्ता है मेरा, इसे सुलझाने की बात कर।आदमी मैं बुरा नही मगर जमाने से शिकायत भी नही।तुमको कैसा लगता हूँ ये बताने की बात कर।।कौन कहता हूं कि मोहब्बत बुरी चीज़ है दुनिया मेंमेरा मुझको मिल जाये, बस ये दुआओं की बात कर।।तेरा साथ मिल जाये तो ज़माने की हर हसरत पा लू।में भी तो तेरा ही हूँ, तो हक जताने की बात कर।।कितनी तड़प है दिल में, अगर पास होते तो सुनते ।दूर रहकर मेरे पास है तू, बस पास आने की बात कर।तुम्हारी याद...

जुबां से झरता है अमृत उनके मगर वे दिल में ज़हर रखते हैं नीरज कुमार मिश्र बलिया

वे मुझसे आंखें मिलाते नहीं,मगर मुझ पे तीरे नज़र रखते हैं वे मुझसे मेरा हाल नहीं पूछते, मगर वे मेरी हर ख़बर रखते हैं,जुबां से झरता है अमृत उनके,मगर वे दिल में ज़हर रखते हैं, ज़माने की नज़र में वे 'पुष्कर' हैं, मगर वो समंदर सा लहर रखते हैं,।"पुष्कर - तालाब (तालाब से तात्पर्य ठहरा हुआ पानी)नीरज कुमार मिश्र      बल...

डरिये मत मुझसे प्यार कीजिये खूबसूरत जिंदगी का इजहार करिए- लव तिवारी ग़ाज़ीपुर।

डरिये मत मुझसे प्यार कीजिये।खूबसूरत जिंदगी का इजहार करिए।आदत बिगड़ गईं तो हम संभाल लेंगे।मुझसे ही बस बेइन्तहा प्यार करिये।।कोई क्या देगा किसी को इस जमाने में।सुकून से बीत जाए एक पल इसका इंतेजार करिए।जिंदगी बदली सी, सहमी सी और खामोश सी है मेरी।मेरे दिल की धङकन बन मुझको गुलजार करिये।।कब किसका भरोसा छोड़ दे इस प्यारे जहाँ को।जो वक्त दिया है खुदा ने, उसका ऐतबार करिये।।रचना लव तिवारी ग़ाज़ीपुर उत्तर प्र...

जीवन को तुम क्या रोकोगे- रचना डॉ एम डी सिंह सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

जीवन को तुम क्या रोकोगे ?मृत्यु रोक लो चाहे तुम सबजीवन को तुम क्या रोकोगेक्या बांधोगे क्या टोकोगेकिसी खूटी किसी बुर्ज परक्या टांगोगे क्या ठोकोगेयह खर नहीं पतवार नहीं हैभुग चुका संसार नहीं हैजिसे जला दो जिसे ताप लोसुखी पत्तों का अंबार नहीं हैसागर पी गएहो चाहे अगस्त्य तुमबह रहा निरंतर ब्रह्मांड फोड़यह गागर में तेरे नहीं अंटेगाइस जल को तुम क्या सोखोगेमथ समुद्र को ऊपर आयादेख वासुकी भी थर्रायागरल गले बन नील रह गयाजीवन एक भी न हर पायाकहां नहीं हैपर्वत...

मंगलवार, 28 नवंबर 2023

मन परिंदे को पंख मिल ही जाएगा मेहनत करने से अंक मिल ही जाएगा- रचना नीरज कुमार मिश्र बलिया

"मन परिंदे को पंख मिल ही जाएगा,मेहनत करने से अंक मिल ही जाएगा,रास्तों पर नीचे देखकर ही पैर रखना,ध्यान हटने पर डंक मिल भी जाएगा,ज़िंदगी के सफ़र में चलते-चलते हुए,कभी राजा,कभी रंक मिल ही जाएगा,ज़रूरी नहीं हमेशा हाथों को यश मिले,कभी न कभी कलंक मिल ही जाएगा,नभ में कौओं की झुंड से निराश मत हो,धरती पर तुमको कंक मिल ही जाएगा,।"नीरज कुमार मिश्र बल...

आंसू जब सूख जाते हैं तब मोम हृदय पत्थर बन जाता है नीरज कुमार मिश्र बलिया

आंसू, जब सूख जाते हैं, तब,मोम 'हृदय' पत्थर बन जाता है,भावनाएं रूपी लहरें उठती नहीं,ठहरा हुआ समंदर बन जाता है,कसक रूपी पत्ते झड़ जाते हैं,पतझड़ का शजर बन जाता है,उस पर पड़ जाते हैं रेत ईष्र्या के,यह मरूधरा बंजर बन जाता है,दफ़न हो जाती हैं संवेदनाएं इसमें,मृत आत्मा का कबर बन जाता है,।"नीरज कुमार मिश्र बल...

सोमवार, 27 नवंबर 2023

इश्क़ ये तो कोई भी आफ़त नहीं है दिल लगाने की पर इजाज़त नहीं है- ऋषिता सिंह

इश्क़ ये तो कोई भी आफ़त नहीं हैदिल लगाने की पर इजाज़त नहीं हैइस जहाँ में ये दिल न आबाद होगाइस जहाँ की मुझको ज़रूरत नहीं हैतेरे बिन हम भी कर ही लेंगे गुज़ारापर तेरे बिन जीने की आदत नहीं हैअब मुक़द्दर में ही नहीं साथ तेराकुछ दुआओं में मेरी ताकत नहीं हैदिल कुशादा है अब भी उनकी ही ख़ातिरदिल पे गुज़री कोई क़यामत नहीं हैदिल लगा ले अब और वो भी किसी सेअब लगाने की मुझको हिम्मत नहीं हैदेख कर तुम भी ज़ख़्म मेरे हो हँसतेतुमसे हमदर्दी की भी हसरत नहीं हैतुम फ़साने...

रविवार, 26 नवंबर 2023

दूर चले जाते हैं लोग रचना नीरज कुमार मिश्र बलिया

हसीन ख़्वाब दिखाकर दूर चले जाते हैं लोग,अपनी नीयत जताकर दूर चले जाते हैं लोग,पहले मीठी बात करके चले आते हैं रूह तक,मन की फितरत बताकर दूर चले जाते हैं लोग,लगा देते हैं विश्वास का पर्दा दिल के दरवाज़े पर,विदा होते वक्त उसे हटाकर दूर चले जाते हैं लोग,श्रद्धा की चाक से लिखते हैं प्रेम मुहब्बत की बातें,धोखे के डस्टर से मिटाकर दूर चले जाते हैं लोग,जिसे पता नहीं होता, मुहब्बत का "म" अक्षर भी,उसे भी प्रेम रोग लगाकर दूर चले जाते हैं लोग,।"नीरज कुमार मिश्र...

शनिवार, 25 नवंबर 2023

कई जगह कई बार मिली है मुझको आप सौ बार मिली है रचना लव तिवारी

कई जगह कई बार मिली है। मुझको आप सौ बार मिली हैफिर भी दिल को चैन नही है।आते जाते हर बार मिली है।।कभी सुकून से मिल लो साहब।तुम दिल की धड़कन बन जाओ।।आती-जाती सांसों पर मेरी।अपना नाम तुम कर जाओ।। शायरी- २ऐसे साथ रहने से क्या फायदामिलकर न मिलने से क्या फायदाखुदा वह दौर दे जिसमे सुकू हम को मिलेदिल मे लगीं आग पर घी गिराने से क्या फ़ायदाशायरी -३ आप के प्यार मेंहम तो नजरे बिछाए हैं आपकी प्यार मेंदिल की दुनिया लुटाए हैं आपके प्यार मेमतलबी जमाना यह दौर हमारे...

शुक्रवार, 24 नवंबर 2023

अथर्वा - लेखक प्रोफेसर आनंद सिंह एवं समीक्षा प्रसिद्ध चिकित्सक दार्शनिक एवं साहित्यकार डॉक्टर एम डी सिंह ग़ाज़ीपुर

अथर्वा एक अद्भुत प्रेम कथा एक यायावर कवि की :     कवि है आनंद कुमार सिंह,जिसने चुपके से न जाने कब अपना नाम बदलकर अथर्वा रख लिया है। शायद वह अपने और अपनी प्रेयसी को दुनिया की निगाहों से बचाए रखना चाहता था। तभी तो उसके इस अलौकिक प्रेम प्रसंग के चुनिंदा पात्र ही साक्षी बन सके हैं। एक अनिंद्य सुंदरी षोडशी कविता यौवन के प्रथम पड़ाव पर ही कब उससे आ चिपकी उसे पता ही नहीं चल सका। फिर तो कब 20 वर्ष बीत गए न कवि को पता चला न उसकी प्रेयसी...