देखते देखते सो जाते हैं इन खूबसूरत चेहरे को।
मेरे दर्द को तुम क्या जानो नही सोचते किसी औरों को।
तुम ही मेरी दवा दुआए साथ हो मेरे हक़ीम भी।
नहीं समझोगे तो मर जाएंगे दर्द लिए इन जख्मों को।।
चाह के तुमको गुनाह किया हूं तड़प रहा हूं पल पल में
तुम भी मुझको वैसे ही चाहों जैसे चाहत हो वर्षो की
सपने मेरे सच कर जाओ आकर तुम मेरी बन जाओ
इस दुनिया में जो ना हो सका वो करके तुम दिखलाओ।
एक तम्मना हरदम मेरी, तुम्हारा परचम ही लहराये
जो तुम्हारा जानी दुश्मन है वो खाक में मिल जाये।।
रहो सलामत हरदम तुम, मेरी उम्र भी तुमको लग जाये।
करो राज दुनिया पर तुम साथ कोई आये या न आये।।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें