ये आँखे , ये जुल्फे ये तेरा मुस्काना
कभी हमको मरेगा ये तेरा शर्मना
कभी हमको मरेगा ये तेरा शर्मना
ये काजल ये बिंदिया और हाथो की चूड़ी
मुझे तेरे पास लाये ये कैसी मजबूरी
मुझे तेरे पास लाये ये कैसी मजबूरी
रोज शाम होते मेरी यादों में आना
मुझे मदहोश रखता तेरी निगाहों का प्याला
मुझे मदहोश रखता तेरी निगाहों का प्याला
कभी चुपके से मेरे सपनों में आकर
तुम्हे याद करू मैं अपने दिल मे समाकर
तुम्हे याद करू मैं अपने दिल मे समाकर
कभी उठ के बैठु कभी हँस के रोऊ
ये दुनिंया कहे मुझको पागल दिवाना
ये दुनिंया कहे मुझको पागल दिवाना
लव तिवारी
रचना- 22-05-2017
रचना- 22-05-2017