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अगस्त 2024 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

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शुक्रवार, 30 अगस्त 2024

कितने कमाल लगते हो हुस्न में बेमिसाल लगते हो। रचना लव तिवारी

कितने कमाल लगते होहुस्न में बेमिसाल लगते हो।आदत किसी और कि न बिगड़े।रोशन जहाँ के आफताब लगते हो।अंधरे रात के उजाला बनकरचाँदनी रात के माहताब लगते हो।किसको मालूम है कितनो की हसरत हो तुम।मुझसे दूर रह कर भी मेरे पास लगते हो।दुनियाभर की हर ख़ुशी तुम्हें ख़ुदा बक्शे।तूम इस जहाँ में अपने खास लगते हो।ऐसी खूबसूरती का क़ायल मरते दम तक रहेगा लव।मेरी दुनिया मेरी चाहत मेरे दिल के पास रहते हो।आफ़ताब- सूर्यमहताब- चंद्रमारचना- लव तिवारी गाज़ीपुर उत्तर प्र...

सोमवार, 26 अगस्त 2024

दिल देने, दिल लेने की जो बात कही थी तुमसे। दिल को आज सुकून मिला जब बात हुई फिर तुमसे- रचना लव तिवारी

दिल देने, दिल लेने की जो बात कही थी तुमसे।दिल को आज सुकून मिला जब बात हुई फिर तुमसे।।आदत मेरी कैसे सुधरेगी तुम ही तुम हो जहन में।मेरा मुझको मिल जाता बस एक चाह बन गई तुमसे।मेरे ख्वाबों की मलिका तुमसा कोई और नही।तुम मेरी जान हो प्रिये एक रात कही से तुमसे।।उसके बाद जीना मरना सब है तुम्हारी हाथों में।मुझको दे दो जीवन, या मौत की सौगात मिलेगी तुमसे।।तुझको चाहने वालों की ये दुनियां में बहुतेरे है।मेरी मंजिल बन जाओ जज़्बात समझो अगर दिल से।।वर्षो की चाहत लिए...

शनिवार, 24 अगस्त 2024

खबर आ रही पूरब में कलकत्ते से - माधव कृष्ण

खबर आ रही पूरब में कलकत्ते से जहर झर रहा मधुमक्खी के छत्ते सेअस्पताल में बैठे हैं गुलदार कईघूम रहे बेख़ौफ़ परिन्दे मस्ती मेंझुण्ड कपोतों का अनशन पर बैठा हैजब से अबला एक मरी है बस्ती मेंचूहे चुप हैं साथ निभाते बिल्ली काये भी कुचले जायेंगे मदमस्ती मेंआने वाला कल भी डूबेगा पूराभरा हुआ है पानी इतना कश्ती मेंबिल्लों की पदचाप शहर है सहमा साबोल रहा सन्नाटा इनकी गश्ती मेंशहर उबलकर कल फिर से सो जाएगाओस बूँद कह रहे नीम के पत्ते सेखबर आ रही पूरब में कलकत्ते से...

बुधवार, 14 अगस्त 2024

फिर क्यो नही मुझको मेहनत का फल देते हो साहब।। रचना लव तिवारी

ग़रीबी और ज़िल्लत भरे जीवन के हक देते हो साहब।फिर क्यो नही मुझको मेहनत का फल देते हो साहब।।आदमी मैं भले ही पढ़ न पाया मेहनत तो करता हूँ न।फिर क्यों नही मेरे मजदूरी को हक़ देते हो साहब।।कभी बारिश कभी सूखा कभी वैसे की भारी दिक्कतफिर क्यों नही तकलीफ से निपटने हल देते हो साहब।मेरी दुनिया मैं भी भूख प्यास और लाचारी है ही नफिर क्यों नही मुझको जीने का मरहम देते हो साहब।।बेटी जवान और बेटे की पढ़ाई की चिंता भी जायज हैफिर क्यों नही मुझको शांति भरा कल देते हो साहब।।रचना...

जिंदगी में कभी तो तुम मेरी होगी इसी बसर में मैंने जिंदगी जी है। रचना लव तिवारी

बस तुमसे ही मोहब्बत की हैपूरी दुनिया से ही बग़ावत की हैमेरी यादों के बस तुम्हीं हो वारिसदिल ने क्या ख़ूब वसीयत की है।जिंदगी में कभी तो तुम मेरी होगीइसी बसर में मैंने जिंदगी जी है।रात भर तुम्हारी याद में तड़पता हूँकुछ नहीं सिर्फ़ तमसे मोहब्बत की है।मेरी दुनिया मेरे ईश्वर मेरे मन्दिर हो तुमइसीलिए बस तुम्हारी इबादत की है।मेरा इष्ट मुझसे नाराज न हो जायेक्यो बस तुम्हारी ही मैंने बंदगी की ...

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

उसको जो चाहे वो हर ख़ुशी दे दे। रचना लव तिवारी ग़ाज़ीपुर

किसी को न चाहे सब कुछ देते हो मालिक।मेरे महबूब को क्यों नही खुशी देते।।मेरी दुनिया मेरा खज़ाना है वोउसके चेहरे को क्यों नही हँसी देतें।तेरी रहमतों में उसका भी नाम शामिल हो।उसकी हसरतों को क्यों नही गति देते।उसका सामना अगर मौत से हो कभी। मेरी हिस्से की उसको जिंदगी दे दे।।मेरी ख्वाईश मेरी आरजू मेरी बंदगी है वोउसको जो चाहे वो हर ख़ुशी दे द...

शुक्रवार, 9 अगस्त 2024

बांग्लादेश अल्पसंख्यक इस्लाम और लोकतंत्र- श्री माधव कृष्णा

बांग्लादेश, अल्पसंख्यक, इस्लाम और लोकतंत्रबांग्लादेश मुक्ति युद्ध अंततः असफल हो गया. कभी इस मुक्ति संग्राम में भारत को उतरना पड़ा था. मैं हमेशा यह सोचता था कि बांग्लादेशी नागरिक इस संग्राम में पाकिस्तानी सेना द्वारा नरसंहार रोकने के लिए भारत के प्रति कृतज्ञ होंगे. ऐसा होना भी चाहिए था. लेकिन राष्ट्रवादी बंगाली नागरिकों, छात्रों, बुद्धिजीवियों , धार्मिक अल्पसंख्यकों और सशस्त्र कर्मियों की सामूहिक हत्या, निर्वासन और नरसंहार बलात्कार में लिप्त पाकिस्तानी...

मंगलवार, 6 अगस्त 2024

मोहर्रम और कांवड़ यात्रा आस्था के प्रश्न- लेखक श्री माधव कृष्ण ग़ाज़ीपुर

मोहर्रम और कांवड़ यात्रा: आस्था के प्रश्नमोहर्रम के हथियार और खून के मातम से आम जनता को उतनी ही समस्या है जितनी कांवड़ यात्रियों के डी जे के कर्णभेदी संगीत पर रास्तों में असभ्य तरीकों से नाचते हुए रास्ता जाम करने से. दोनों में भेद नहीं है. दोनों आस्था के प्रश्न हैं, दोनों मजहब के शक्ति प्रदर्शन का तरीका हैं. दोनों पर अलग-अलग सरकारों का रुख अपने अपने वोट बैंक को साधने की विवशता है.पहले, मोहर्रम पर बात कर लेते हैं. हम एक महापुरुष को अन्यायपूर्ण तरीके...

शुक्रवार, 2 अगस्त 2024

मुंशी प्रेमचंद की घृणा चेतना प्रवाह में मेरा वक्तव्य- श्री माधव कृष्ण

आज की संगोष्ठी आरम्भ होने से पहले वरिष्ठ इतिहासकार विश्वविमोहन शर्मा जी श्रीरामचरित मानस में भगवान परशुराम के चरित्र चित्रण से असहमति व्यक्त कर रहे थे. वास्तव में वैष्णव साहित्य में परशुराम को भगवान् विष्णु का आवेश अवतार माना जाता है, और भगवान राम को पूर्ण अवतार. श्रीमद्भगवद्गीता में दिव्य चेतना शस्त्रधारियों में श्रीराम के रूप में अवतरित हुई. इस सूत्र पर बड़े शास्त्रार्थ हुए क्योंकि शस्त्रधारियों और शस्त्रवेत्ताओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पौराणिक...