
सागर पर सेतु निर्माण के समयसभी गिलहरियां अपने मुंह में मिट्टियां भरकर लाती थीं और पत्थरों के बीच उनको भर देती थीं। इस दौरान उन्हें वानरों के पैरों के बीच से होकर गुजरना होता था। वानर भी इन गिलहरियों से तंग आ चुके थे। क्योंकि उन्हें भी गिलहरी को बचाने हुए निकलना होता था लेकिन वानरों को यह नहीं मालूम था कि ये गिलहरियां यहां वहां क्यों दौड़ रही है। तभी एक वानर ने उस पर चिल्लाते हुए कहा कि तुम इधर-उधर क्यों भाग रही हो। तुम हमें काम नहीं करने दे रही।...