सोमवार, 27 जून 2022
ग़ाज़ीपुर से तनिके दूर माई के भवनवा मोहे ले मनवाँ श्री कामाख्या माई धमवा।- देवी पचरा मनोज तिवारी मृदुल
रविवार, 26 जून 2022
देवी पचरा -ठाड़े लेके आरती अँगनवा नयना माई के निहारे- मनोज तिवारी मृदुल
गुरुवार, 23 जून 2022
अहि ठइयां झुलनी हेरा गइले रामा कहा मो ढूँढू पारम्परिक चैता
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर बहता जाए युग युग से इस देश की धरती तुझसे जीवन पाए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर बहता जाए
युग युग से इस देश की धरती तुझसे जीवन पाए
दूर हिमालय से तू आई गीत सुहाने गाती
बस्ती बस्ती जंगल जंगल सुख संदेश सुनाती
तेरी चाँदी जैसी धारा मीलों तक लहराए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर..................................
कितने सूरज उभरे डूबे गंगा तेरे द्वारे
युगों युगों की कथा सुनाएँ तेरे बहते धारे
तुझको छोड़ के भारत का इतिहास लिखा ना जाए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर..................................
इस धरती का दुःख सुख तूने अपने बीच समोया
जब जब देश ग़ुलाम हुआ है तेरा पानी रोया
जब जब हम आज़ाद हुए हैं तेरे तट मुस्काए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर...............................
खेतों खेतों तुझसे जागी धरती पर हरियाली
फसलें तेरा राग अलापें, झूमे बाली बाली
तेरा पानी पीकर मिट्टी सोने में ढल जाए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर..............................
तेरे दान की दौलत ऊँचे खलिहानों में ढलती
खुशियों के मेले लगते, मेहनत की डाली फलती
लहक लहक के धूम मचाते तेरी गोद के जाए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर............................
गूँज रही है तेरे तट पर नवजीवन की सरगम
तू नदियों का संगम करती, हम खेतों का संगम
यही वो संगम है जो दिल का दिल से मेल कराए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर..............................
हर हर गंगे कहके दुनिया तेरे आगे झुकती
तुझी से हम सब जीवन पाएँ तुझी से पाएँ मुक्ति
तेरी शरण मिले तो मैया जनम सफल हो जाए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर..............................
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर बहता जाए
युग युग से इस देश की धरती तुझसे जीवन पाए
गंगा तेरा पानी अमृत झर झर..............................4
बुधवार, 22 जून 2022
ओ मईया तैने का ठानी मन में, राम-सिया भेज दइरी वन में - रविन्द्र जैन
चराग़ आफ़ताब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी शबाब की नक़ाब गुम बड़ी हसीन रात थी- ज़नाब सुदर्शन फ़ाकिर
गिलास गुम,शराब गुम, बड़ी हसीन रात थी।
लिखा था जिस किताब में कि इश्क़ तो हराम है
हुई वही किताब गुम बड़ी हसीन रात थी।
लबों से लब जो मिल गए,लबों से लब ही सिल गए
सोमवार, 20 जून 2022
अच्छी-अच्छी चीजें जब खाने को है फिर बेजुबानों को मारे क्यों- लव तिवारी
गुरुवार, 16 जून 2022
हम फौजी है प्यारा देश हमारा फिर क्यों ये गद्दारी है हम नेताओं के हाथों की कठपुतली जानती दुनिया सारी है- लव तिवारी
बुधवार, 15 जून 2022
नफ़रत क्या है जो तुम लोगों से करते हो। मोहब्बत के नाम पर क्यो जमाने से डरते हो- लव तिवारी ग़ाज़ीपुर
शुक्रवार, 10 जून 2022
गर्मी हम सबको सताये फिर भी नही कोई पेड़ लगाए- लव तिवारी
मतलबी जमाना और बेगानों का बसर है। शहद की मिठास लिए उगलता जो जहर है- लव तिवारी
प्रचंड गर्मी जियते फूक देब का मालिक- लव तिवारी
तेरी अहमियत को जो न समझे उनको कौन बतलाये, तू है तो ही धरती टिकी है तुझसे ही भगवान यहाँ- लव तिवारी
कोई तो है जो दिल को बहुत बार धड़कता है। उसके आने की खबर से दिल भी सहम सा जाता हैं।- लव तिवारी
शुक्रवार, 3 जून 2022
कलयुग की सबरी- दान वीरता आपकी जग में है विख्यात दान धर्म जो ना किया जीवन है बेकार।
स्वास्थ्य सम्बन्धी याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें:- जीवन बहुत अनमोल है।
भरत चले चित्रकूट हो रामा राम को मनाने राम को मनाने लखन समुझाने सिया जी को वापस लाने हो रामा