नफ़रत क्या है जो तुम लोगों से करते हो।
मोहब्बत के नाम पर क्यो जमाने से डरते हो।
जब तक हो दुनिया में अमन चैन से रहो।
जरूरत क्या है जो लोगो के जज़्बात से खेलते हो।।
धरा तुम्हारी नही न तुम खुदा हो इस जहाँ के।
ग़रीबी क्या है, इसको क्यो नही समझते हो।।
सारी हसरत मुक्कमल हो ऐसा तो मुमक़िन नही।
जीना सीखे नही और जिंदगी की बात करते हो।।
थोड़ी खुशियां भी काफी है उम्र भर जीने के लिए।
मुझको भी देख लो क्यों  गैरो की बात करते हो।।
रचना- लव तिवारी 
युवराजपुर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश








 
 
 
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