भरत चले चित्रकूट हो रामा राम को मनाने
राम को मनाने लखन समुझाने
सिया जी को वापस लाने हो रामा
राम को मनाने.....…..
भरत चले चित्रकूट हो रामा.......
तन पुलकित अति सजल नयन भर
सिर पर जस जटा जुट हो रामा
राम को मनाने.....…..
भरत चले चित्रकूट हो रामा.......
छल बिल खट छन प्रेम मगन मन
मन करे नीरज छुर हो रामा
राम को मनाने.....…..
भरत चले चित्रकूट हो रामा.......
भरत चले चित्रकूट हो रामा राम को मनाने
राम को मनाने लखन समुझाने
सिया जी को वापस लाने हो रामा
राम को मनाने.....…..
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