वे मुझसे आंखें मिलाते नहीं,
मगर मुझ पे तीरे नज़र रखते हैं
वे मुझसे मेरा हाल नहीं पूछते,
मगर वे मेरी हर ख़बर रखते हैं,
जुबां से झरता है अमृत उनके,
मगर वे दिल में ज़हर रखते हैं,
ज़माने की नज़र में वे 'पुष्कर' हैं,
मगर वो समंदर सा लहर रखते हैं,।"
पुष्कर - तालाब (तालाब से तात्पर्य ठहरा हुआ पानी)
नीरज कुमार मिश्र
बलिया
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