रही रही खूब हिलोरे गंगा जी क पनिया ..........................
रही रही खूब हिलोरे गंगा जी क पनिया
की सैईया मनवा डोले ला
बहे लहर लहर पुरवईया
जाले पाल लगावले नईया
मचले पोर पोर गदराईल चढ़ल जवनिया
की सैईया मनवा डोलेला........................
रेवा झेगुर बोले घरवा
घेरे कारे कारे बादरवा
हहरे हरसिगार सनअलसाईल बदनिया
की सैईया मनवा डोलेला...................
बीजुरी चमके बदरी तड़के
मोरा हियवा अगिया भड़के
रहिया निरखत हमरो जीनगी भईल कहनिया
की सैईया मनवा डोलेला ....................
चंचल अखिया के काजरवा
सुखल केसिया के गाज़रवा
बेधे मागीया के सेनूरवा नेह निसनिया
की सैईया मनवा डोले ला ....................
साझे आईब सुन अगुतानी
चिठ्टीया लेले घुमत बानी
तोहरी पतियॅन के अच्छरिया मे चदनिया
की सैईया मनवा डोले ला ....................
रही रही खूब हिलोरे गंगा जी क पनिया
की सैईया मनवा डोले ला
गीतकार : योगेश विक्रांत
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