"मन परिंदे को पंख मिल ही जाएगा,
मेहनत करने से अंक मिल ही जाएगा,
रास्तों पर नीचे देखकर ही पैर रखना,
ध्यान हटने पर डंक मिल भी जाएगा,
ज़िंदगी के सफ़र में चलते-चलते हुए,
कभी राजा,कभी रंक मिल ही जाएगा,
ज़रूरी नहीं हमेशा हाथों को यश मिले,
कभी न कभी कलंक मिल ही जाएगा,
नभ में कौओं की झुंड से निराश मत हो,
धरती पर तुमको कंक मिल ही जाएगा,।"
नीरज कुमार मिश्र
बलिया
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