प्यारी सुंदर मूरत की एक दिव्य प्रतिमा हो तुम।
ना जाने कितनों के दिल की गरिमा हो तुम।
खुदा रखे तुम्हें हर दम सलामत यही दुआएं है मेरी।
मेरा बनकर साथ रहो बस यही तम्मना हो तुम।।
कोई तुमको भी चाहे इससे हमें एतराज़ नही।
तुम बस मुझको ही चाहों बन जाओ विश्वास मेरी।।
कोई गम ना कोई पीड़ा तुमको न कभी तड़पाये।
तेरे हिस्से का दुःख- दर्द भी मेरे हिस्से में आये।
रहो खुश तुम सदा जीवन में, जहाँ रहो मेरी दिलरुबा।
तेरी ख़ुशी से में भी खुश रहू, यही हमारी है दुआ।।
रचना- लव तिवारी
ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
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