सा,रे,गा,मा का राग छेड़ना;
यह संगीत न कहलाता।
तपते ह्रदय को स्निग्ध जो कर दे,
मधुर गीत वह कहलाता।
अनाचार की खेती होती,
वहाॅं सुनामी लाना है।
सदाचार , पुष्पित पल्लवित हो,
उर्वर भूमि बनाना है।
क्रांति आवाहन छेड़ के जग में,
सोया देश जगाना है।
मूल्य बदलता देश समाज है;
अपरिहार्यता को पहचानना है।
गुंडागर्दी और वसूली,
का बाज़ार विस्तार किया।
इस बाज़ार में मंदी लाकर,
देश का भाग्य जगाना है।
दहेज की आग में बेटी जलती,
उसको सिंचित करना है ।
बिन माॅंगे कहीं बेटा जलता,
उसको न्याय दिलाना है।
असत्य सवारी सत्य कर रहा,
सच्चा सारथी लाना है।
सत्य सदा करे सत्य सवारी,
असत्य को धूल चटाना है।
चिरनिद्रा में देश सो रहा,
उसको अब तो जगाना है
टूटे बिखरे जो मानव हैं,
उनमें जीवन लाना है।
स्वयं नैन नीर पोंछकर,
परिस्थितियाॅं सुखद बनाना है।
विश्व गुरु था देश हमारा,
वह सम्मान ले आना है।
~ साधना शाही
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