तिरंगा शुकून
जिसने दिल को दिया है शांति,
धैर्य पुरुष को हृदय नमन,
देख तिरंगा शुकून मिला है,
हरा भरा है अब उपवन,
जिसने दिल को दिया है शांति,
धैर्य पुरुष को हृदय नमन।।
जहां आतंक की थी तलवारें,
निर्दोष जहां पर मारे जाते,
आज फहरता वहां तिरंगा,
देश के दुश्मन हैं घबराते,
धर्म के आड़ अधर्म हुआ,
बहुत हुआ निर्दोष दमन,
शुकून शांति वहां जो लाया,
धैर्य पुरुष को हृदय नमन।।
दरख़्त जहां थे नफरत वाले,
जहां बहती थी जहर बहार,
हर हाथों में आज तिरंगा,
सही स्वतंत्रता का उपहार,
केशर घाटी आज बिहंसती,
अस्सी प्रतिशत वहां अमन,
शुकून शांति वहां जो लाया,
धैर्य पुरुष को हृदय नमन।।
हिम्मती जुबां से किया था वादा,
लाल चौक मैं आऊंगा,
सही सलामत रहा जो जिंदा,
तिंरगा खुद फहराऊंगा,
उसके अनुयायी आज करोड़ों,
मगन बहुत हैं पूरा वचन,
संकल्प किया था दृढ़ जो ऐसा,
धैर्य पुरुष को हृदय नमन।।
कन्हैया लाल
शिक्षक
जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जंगीपुर गाज़ीपुर मोबाइल संख्या ८४२३३९७१०६
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