सबके साथ रहना सीखो।
किसी से कुछ ना कहना सीखो।।
हाले दिल जो सबको बताओगे
तनहा महफ़िल में रह जाओगे
दर्द आपना सहना सीखो ।
कीसी से कुछ ना कहना सीखो।।
चाहत में खुद के ही संवरा करो
खुशियों की गली से गुज़रा करो
मुकद्दर से लड़ना सीखो।
किसी से कुछ ना कहना सीखो।।
गुनगुनाते रहो मुसकुराते रहो
हंसी ख्वाबों से आंख मिलाते रहो
मौजों में बहना सीखो ।
किसी से कुछ ना कहना सीखो।।
घबराओ नहीं रब साथ है।
तुम उसी से कहो जो भी बात है ।।
रब के कदमों में ढहना सीखो।
किसी से कुछ ना कहना सीखो।।
स्वलिखित नज़्म
बीना राय
गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश
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