एक तिनके के जैसा बिखर जाएगा
पाप करते हो जिस जिंदगी के लिए
शाम होते ही सूरज ये ढल जाएगा
ऐसा नियम बना है सभी के लिए
एक तिनके के जैसा बिखर जाएगा
इतने दिन में तू इस मन को धो ना सका
अपने परमात्मा का तू हो ना सका-२
भक्ति का लो तू साबुन गुरु से अभी-२
मन में फैले हुई गंदगी के लिए
एक तिनके के जैसा बिखर जाएगा
पाप करते हो जिस जिंदगी के लिए
छोड़ सारे अहम को समर्पण करो
प्रेम से फूल के नेग अर्पण करो
हो कपट मन में तो पूजा लेते नहीं-२
मन को निर्मल करो बंदगी के लिए
एक तिनके के जैसा बिखर जाएगा
पाप करते हो जिस जिंदगी के लिए
अरुण दुबे ग्राम ब्रह्मानपुर पोस्ट करंडा गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
गाने का तर्ज- छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें