गौरी नंदन
गौरी नंदन विघ्न विनाशक,
मेरे हिय में वास करो।
रिद्धि -सिद्धि भी साथ में लाओ,
घर -आंगन में निवास करो।
कर दो कृपा हे कृपानिधान !
हे गणपति! भगवान।
प्रथम नाम मैं तेरा भज लूॅं,
मन के मैल मैं सारे तज लूॅं।
निश-दिन नाम तिहारा गाऊं,
तुझ दर्शन बिन चैन न पाऊं।
प्रभु !दे दो मुझे वरदान,
जग में हो ऊंचा नाम।
मोदक मेवा तुझे रिझावे,
घृत सिंदूर के संग चढ़ावे
जिस भोग से तुम खुश होते,
वही भोग हम तुम्हें लगाते।
संकटहारी तेरो नाम
प्रभु !दूर करो व्यवधान
हे गणपति !भगवान
जय -जय कृपा निधान।
साधना शाही वाराणसी
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