कटते हैं किस तरह मेरे दिन रात देख ले
ए जाने वाले आ मेरे हालात देख ले
कल तक जो दिल लुभाते थे ऐ जाने जां वही
अब दर्दो ग़म में डूबे हैं नग़मात देख ले
खेतों में धूल सड़कों पे आवारा तेज़ धूप
ऐसा है अब के मौसमे बरसात देख ले
ईसार देख मेरी वफ़ा देख और फिर
किस तरह जीतकर भी हुई मात देख ले
तेरे बग़ैर काटते हैं किस तरह रोज़ो शब
फुर्सत में तू कभी मेरे हालात देख ले
जैसे कि अजनबी से मिले कोई अजनबी
यूं हो रही है तुझसे मुलाक़ात देख ले
मुझको मिटाने वाले मिटा शौक से मगर
किस सिम्त है यह गर्दिशे हालात देख ले
अहकम के हाले ज़ार पे अफ़सोस किस लिए
तेरी ही दी हुई है यह सौग़ात देख ले
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