बहुत दिन बाद लेखनी ने कुछ लिखा.....
हम नेता हैं…
देश के प्रति जिम्मेदार हैं
गद्दार नहीं वफादार हैं
हम आम नहीं ख़ास हैं,
आमजन के चहेता हैं
हम नेता हैं l
बाहरी लिबास बिलकुल सफ़ेद है
अन्दर काले कारनामों का समावेश है,
हर गोरखधंधे उजाले में करते हैं
बेइज्ज़ती नहीं इज्ज़त से डरते हैं,
लोकतंत्र में कालेतंत्र के प्रणेता हैं
हम नेता हैं l
बिमारी कि क्या बिसात
महामारी तक छूने से काँपती है,
जहाँ पड़ते है हमारे चरण
कोसों दूर भागती है,
हालांकि घिनौने नहीं हैं मेरे आचरण
हम तो सदाचरण के रचेता हैं,
हम नेता हैं l
लूट खसोट के बहसी दरिंदे हैं
झूठे वादों के पुलिंदे हैं,
लोग हमे प्यार से कहते हैं मक्कार
इसे हम समझते हैं अपना सत्कार,
हम ही इस देश के लायक बेटा हैं
हम नेता हैं l
हमारे अनेकानेक रंग हैं
दुर्गुणों से भरे अंग-अंग हैं,
हम ही दंगाई और दंगा भी हैं
राख प्रवाहित करने के लिए गंगा भी हैं,
मुर्ख दर्शकों के वास्तविक अभिनेता हैं
हम नेता हैं l
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