तुम बिन कहीं करार ना आए तो क्या करें
हर पल तुम्हारी याद सताए तो क्या करें
तुम बिन कहीं ........
तुमको तो ज़िद्दी यही है भुला दूं तुम्हें मगर
दिल से तुम्हारी याद न जाए तो क्या करूं
हर पल तुम्हारी याद सताए तो क्या करें
तुम बिन कही........
मेरे लिए शराब का छूना हराम है
लेकिन तेरी निगाह पिलाए तो क्या करूं
हर पल तुम्हारी याद सताए तो क्या करें
तुम बिन कही........
सूरत में अपनी भूल गया तुझको देख कर
हर आईने में तू नजर आए तो क्या करूं
हर पल तुम्हारी याद सताए तो क्या करें
तुम बिन कही........
तुम बिन कही करार न आये तो क्या करें
हर पल तुम्हारी याद सताए तो क्या करें
तुम बिन कही........
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