इस तरह मोहब्बत की शुरुवात कीजिए
एक बार अकेले मे मुलाक़ात कीजिए..
सुखी पड़ी है दिल की ज़मी मुद्दतों से यार
बनके घटाए प्यार की बरसात कीजिए..
इस तरह मोहब्बत...............................
एक बार अकेले मे.................................
हिलने ना पाए होठ औट कह जाए बहुत कुछ
आँखो मे आँखे डाल के हर बात कीजिए..
इस तरह मोहब्बत...............................
एक बार अकेले मे.................................
दिन मे ही मिले रोज़ हम देखे ना कोई और
सूरज पे जुल्फ डाल के फिर रात कीजिए...
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