खुदा इनको कौन बचाये, ये जाहिल इंसान जो।
मुझको मेरा देश है प्यारा, देखता अब शमशान जो।।
संकठ से देश जूझ रहा, लोग है सब परेशान जो।
तुमने जमात से फैलाया है, इस बीमारी के मान को।।
न बने कलाम अगर तुम, तो बन जाते इंसान जो।
और लोगो को जीने देते, न बनते हैवान जो।।
मानवता को अगर सोचते, न करते ये काम तुम।
अपने मारते खुद मर जाते, न कौम को करते बदनाम तुम।।
स्वरचित- लव तिवारी
दिनांक- 04-अप्रैल-2020
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