कोई बेसबब, कोई बेताब, कोई चुप, कोई हैरान है यहाँ,
ऐ ज़िन्दगी तेरी महफ़िल के तमाशे कभी ख़त्म नहीं होते।
मुम्बई (महाराष्ट्र) को जान कहने वालों इन असहाय मजदूरों के साथ इस महाराष्ट्र सरकार के घिनोने रूप । आज फिर इस बात कहने में तनिक भी संदेह नही हो रहा है कि राजनीति ही देश को बर्बाद करेगी। अभी दिल्ली सरकार के इस घटिया राजनीति के शिकार हुए इस गरीब मजदूर और शोषित वर्ग जो उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासी है आज उनके साथ भी भयानक साजिश रची जा रही है। महाराष्ट्र एक ऐसा प्रदेश है, जहाँ सबसे ज्यादा 2455 कोरोना पोस्टिव पीड़ित मरीज है। जहाँ देश मे कुल मरीजो की संख्या 10940 है इस भयानक स्थिति के आधार पर वहाँ के लोगो को अवश्य इस नियम का पालन करना चाहिए था कि , घर मे रहे सुरक्षित रहे। लेकिन घर मे रहने के लिए भोजन भी जरूरी है और वहाँ के सरकार साथ भी। भगवान बचाएगा कैसे इस देश को जामतियो के आतंक के बाद राजनीति के शिकार आज देश की बेबस जनता को।
अफवाह के साथ बान्द्रा रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों की भीड़
तीन बड़े कड़वे सवाल -
1. अगर घर जाने वाले मजदूरों की भीड़ तो इनमें से किसी के भी पास बड़े बैग, थैले, समान क्यूं नहीं?
2. भीड़ जामा मस्जिद के सामने क्यूँ?
3. महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक का लॉकडाउन पहले से ही घोषित था तो आज हंगामा क्यूं?
ये साजिश हैं ?
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