न कोई दवा और न कोई इलाज। सिर्फ नियमित सादे भोजन के साथ एक एंटीबायोटिक की गोली का सेवन करने से आठ कोरोना संक्रमितों को नया जीवन मिला है। यह घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कोटवा अस्पताल में रखे गए संक्रमितों को समय पर नाश्ता और खाना देने के साथ पीने के लिए आरओ का पानी दिया जाता है। खाने में इम्युनिटी बढ़ाने का पूरा ख्याल रखा जाता है।
भोजन की क्या थी व्यवस्था-
इस बात से हम सभी परिचित है कि संतो द्वारा बनाये गए भोजन एवं उनके प्रकार पूर्ण रूप से शारीरिक स्वास्थ्य की और विशेष लाभप्रद होते है। इसी आधार पर मरीजो को भोजन की व्यवस्था दी गयी सुबह सात बजे चाय के साथ बिस्किट व कोई नमकीन दी जाती है। इसके बाद नौ बजे उन्हें हल्का नाश्ता जैसे पोहा, सादी पकौड़ी आदि दिया जाता है। दोपहर करीब 12 बजे उन्हें खाना मिलता है। इसमें दाल, रोटी, चावल और सब्जी होती है। जो भारतीय समुदाय के मुख्य व्यंजन है दाल कभी अरहर की होती है तो कभी मिक्स। कभी-कभी राजमा के साथ अन्य उपयोगी एवं पौष्टिक आहार आदि भी दिया जाता है। दोपहर बाद तीन से चार बजे के बीच उन्हें खाने के लिए फल मिलता है। इनमें संतरा, केला के साथ अन्य मौसमी फल होते हैं। पांच बजे के आसपास फिर चाय, बिस्किट और नमकीन दिया जाता है। इसके बाद रात में करीब नौ बजे फिर सादा खाना दाल, रोटी, चावल और सब्जी खाने में मिलता है। पूरे 14 दिनों तक यहीं उनका रुटीन होता है।
बड़े शहरों के नव युवक के साथ एक नए तरह के विशेष आहार की भोजन की नई प्रणाली का विकास हुआ है। जो भारतीय भोजन से पूर्ण रूप से हट कर है। कई लड़कियों को मैंने दिन के भोजन में बर्गर पिज्जा और कई चाइनीज भोजनो के साथ देखा है । और हँसी के पात्र वो सब तब होते है जब ये फ़ास्ट फूड का सेवन कर अपने शरीर को स्लिम एवं पतले करने के चक्कर में लिफ्ट होते हुए भी कई मंजिल सीढ़ी चढ़ कर अपने कार्यालय आफिस में पहुचते है। जैसा कि आप जानते है कोविड-19 में यह स्प्ष्ट हो चुका है भारतीय जन समुदायों में उनके भोजन एवं रहन सहन के आधार पर अन्य देशों की अपेक्षा रोगो से लड़ने की क्षमता बहुत ज्यादा एवं शक्तिशाली है। फिर क्यों हम शरीर के विनाश एवम जीभ के स्वाद के लिए अपने मुख्य भोजन का तिरस्कार कर विदेशी एवं हानिकारक रहित भोजन का सेवन करें। इस महामारी ने हमे सही रूप से जीना एवं पैसा का सदुपयोग करना सिखाया है।
नशे से दूर है भारतीय जनता- कोविड 19 में नशे को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। जहाँ शराब और उनके ठेको को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है वही सुर्ती बीड़ी सिगरेट के साथ गुटका गांजा एवम चरस जैसे बड़े नशा उपयोगी वस्तुएं भी पूर्ण रुप से प्रतिबंधित हो गयी है। इससे लोगो मे कुछ खलबली तो है लेकिन लोगो के पैसे के साथ शरीर की पूर्ण रूप से रक्षा हो रही है। मेरा मानना है कि सरकार इस महामारी के निपटने के बाद भी इस तरह के दिशा निर्देश को अपनाए जिससे देश के जनता नशा मुक्त होकर पैसे का सदुपयोग एक अच्छे कार्य के प्रति करे।
लेखक- लव तिवारी
ग्राम- युवराजपुर ग़ाज़ीपुर
सम्पर्कसूत्र- +91-9458668566
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