मुझे भूलने वाले तुम्हारी याद क्यों आती है।
जिंदगी प्यार नही और भी कुछ बात समझाती है।।
किसको पता था कि एक दौर ऐसा भी आयेगा।
एक मजदूर से पूछो की भूख की तड़प कैसे सताती है।।
महलों में जो बैठे है उन्हें क्या मालूम बदनसीबी
सामने भूख से बच्चा रोये तो माँ कैसे रह पाती है।।
आदमी के अनेकों रूप है इस कठिन दौर में भी।
तभी तो इस महामारी में करोड़ो की शराब तक बिक जाती है।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 29- मई- 2020
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