पूछ लेते जो तुम हाल मेरा।
बेहतर हो जाता हालात मेरा।।
कोई हकीम नही करेगा मुझे बेहतर।
तुम जो चाहो तो कर दो इलाज मेरा।।
कितना बदनसीब हू मे तेरे बगैर।
लोग पूछते है क्या समाधान है तेरा।।
मुझको चाहो कि में मौजूद रहू धरा पर।
बन जाओ फिर तुम हमराह मेरा।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 16 मई 2020
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