अपने हिस्से का कुछ दान करो
कुछ धन से तो पुण्य काम करो
ना धन संपदा रही किसी की
मत कभी भी अभिमान करो
धन का सही दिशा में खर्च कर
गरीबों व भूखों का सम्मान करो
इन बच्चों को रोता देखकर
एक तो अदभुत काम करो
क्या लाये हो क्या लेकर जाओगे।
इनके दुखों का संघार करो।।
तुम्हारा बाप कहाँ है जो तेज धूप में तुम लोगों को तरबूज बेचने भेज दिया ? अरे, तुम चुप क्यों हो गए? बोलो गुड़िया तुम बताओ तुम्हारे पिता जी कहाँ हैं जो तुम लोगों को तरबूज बेचने के लिए भेज दिया ? अरे तुम दोनों तो रोने लगे क्या हुआ?
“पापा, बीमार हैं। घर में खाने को कुछ नहीं है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें