तेरे बगैर तन्हा था, हूँ और रहूंगा।
मैं चुप रह कर किसी से कुछ नही कहूंगा।।
मुद्दते बीत गई तुम्हारे दीदार को।
तुम्हें पता तो होगा न कि मैं तुमबिन कैसे जी सकूँगा।।
पल भर का न चैन और रातो को अब नीद नही।
तेरा बिना अब में कैसे एक पल जी सकूँगा।।
मेरे हालात को जानो और बन जाओ मेरे हकीम।
किसी ओर बैद्य में ताकत नही जो में उठ सकूँगा।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक-16-मई-2020
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