बहुत कठिन बा जिनिगिया के जिईल-२
सुख दुख के सुई धागा-२ लेके एके सियल।
बहुत कठिन बा जिनिगिया के जिईल-२
केहू के भरोस नईखे मन भयभीत बा
परला पर केहू नाही हित के मीत बा-२
रोज रोज आँसुओ के-२ घोट इहा पीयल
बहुत कठिन बा जिनिगिया के जिईल-२
केकरा का आपन कही केकरा गैर हो
आगे बढ़त देख खींचे सब पैर हो-२
सहे के बधाव एहिजा-२ अपने के दीहल
बहुत कठिन बा जिनिगिया के जिईल-२
साथ रही तबले तोहरा जबले बा अरथ
छोड़ी दही साथ तुरते पुरते सवारथ-२
चुकता करके के पड़ी-२ जवन बाटे लिहल
बहुत कठिन बा जिनिगिया के जिईल-२
सुख दुख के सुई धागा-२ लेके एके सियल।
बहुत कठिन बा जिनिगिया के जिईल-२
गायक- श्री मदन राय जी
रचना- श्री अजय त्रिपाठी
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