दया नहीं है तुमको बुल्डोजर,
माफिया हैं सब बने भिखारी,
कानून सदैव था डरता रहता,
उनके सामने थी लाचारी,
क्या करें वे कहां पर जाएं,
कोई नहीं बतलाने वाला,
हर चौराहों पर है अंधेरा,
रोशनी नहीं दिखलाने वाला,
जमीन जहां वे देखा करते,
कमज़ोर की धरा है पड़ी नजर
उनका महल वहां था बनता
अपराधों की खड़ी सजर,
उखाड़ के उनको फेंका तुमने,
उनका दिन कर दिया है काला,
बुल्डोजर तुम कहां से सीखे
माफिया पर दुर्दिन छाने वाला।।
आज चमन में शान्ति हवा है,
जहां शुकून के खिलते फूल,
कांटो को अब चुभन है होती,
अपराध की राह है बिसरे भूल,
अपने बच्चे को चले पढ़ाने,
बुल्डोजर राज ना जाने वाला,
अब चमन में शान्ति हवा है,
माफिया राज है जाने वाला
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें