मां शारदे कहा तू बीणा बजा रही है।
किस मंजुगान से तू जग को लुभा रही है।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
किस भाव मे भवानी तू मग्न हो रही हो
विनती नही हमारी क्यो मातु सुन रही हो।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
हम दीन बालक कब से विनती सुना रहे है।
चरणों मे तेरे माता हम सिर झुका रहे है।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
अज्ञान तम हमारी! माँ शीघ्र दूर कर दे।
शुभ ज्ञान हममें माता माँ शारदे तू भर दे।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
हमको दयामयी तू ले गोंद में पढ़ाओ।
अमृत जगत में हमको माँ ज्ञान का पिलाओ।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
बालक सभी जगत के सुत मातु है तुम्हारे।
प्राणों से प्रिय तुम्हें हम पुत्र सब दुलारे।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
मातेश्वरी तू सुन ले सुंदर विनय हमारी।
करके दया तू भरले बाधा जगत की सारी।।
मां शारदे कहा तू बीणा........
मेरी बेटी मेरा शान
मेरे बड़े भाई की बेटी
भूमि तिवारी
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