मोहब्बत अब नही होगा मुझे कल की तरह।
मिला जो कल मुझे न रहा हमसफ़र की तरह।।
कुछ उसकी यादें है जो जाती नही जहन से।
खुशनसीब वह है जिसका है वो हमदर्द की तरह।।
ख्वाइशें कल भी थी आज भी है और रहेगी ही ।
जाने वाले को याद रखता मैं हरपल की तरह।।
कैसी दुनिया है जो एक ख्वाब मुक्कमल न हुआ।
मेरा होकर भी मुझसे छीना गया उसे बेरहम की तरह।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 29- दिसंबर- 2019
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