बहुत खूबसूरत जवां एक लड़की ।
न जाने कहा से ख्यालो में आयी।।
तकल्लुफ़ की बातें बनावट नही।
न जाने वो कैसे मेरे दिल को भाई।।
वो चेहरा गुलाबी वो आँखे शराबी।
मगर उसके होंठो पर लाली थी ऐसी
न जाने कहाँ से ख्यालो में आयी
बहुत खूबसूरत जवां एक लड़की।।
परी तो ये मैंने ये देखी नही है ।
यू लगती है मुझको परी से भी प्यारी।।
मेरे दिल की ख्वाईश तमन्ना है ऐसी।
हो जाये वो मेरे सपनों की रानी ।।
बहुत खूबसूरत.......
तकल्लुफ़= दिखवाया, बनावटी
रचना- लव तिवारी
पहली ग़ज़ल - वर्ष 2005
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