सनम की आंखों में हम अपना दीदार कर बैठे,
उनके रूबरू हम नजरों से यूं तकरार कर बैठे..
मत कहिए जमाने से कि लगा है दिल का रोग,
वो कहेंगे न था कोई काम तो ये रोजगार कर बैठे..
दर्द की आदत से अब यूं मजबूर हो चुके हैं हम,
अश्कों के खातिर तेरी यादों का जुगाड़ कर बैठे..
हुस्न से इश्क का सदियों से ये रिश्ता है कैसा,
खाक होने के लिए हम एक-दूजे से प्यार कर बैठे..
उनके रूबरू हम नजरों से यूं तकरार कर बैठे..
मत कहिए जमाने से कि लगा है दिल का रोग,
वो कहेंगे न था कोई काम तो ये रोजगार कर बैठे..
दर्द की आदत से अब यूं मजबूर हो चुके हैं हम,
अश्कों के खातिर तेरी यादों का जुगाड़ कर बैठे..
हुस्न से इश्क का सदियों से ये रिश्ता है कैसा,
खाक होने के लिए हम एक-दूजे से प्यार कर बैठे..
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें