एक बेबस दीवानी इस मे और एक लाचार दीवाना है..
एक की होती शादी एक को शराब की भट्ठी में जाना है..
नफरत का संसार यहाँ, स्नेह प्रेम किसको कमाना है...?
तोड़ के दो दिलों को, सजा देता ये सारा ज़माना है...
देखते है दुनिया बाले जैसे ये फिल्म कोई पुराना है..
आँखों से बहाके आंसू और तालियां बजाके घर जाना है..
करना न मोहब्बत कभी, आगे आपको खुद फैसला करना है..
लेला मजनू हीर राँझा,बाक़िफ़ तो हो इनसे और क्या बताना है..?
बहुत रोई हैं मेरी आँखें मोहब्बत की कहानी पर।
तभी तो जानती हूँ कौन यहाँ अपना और कौन बेगाना है।।
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