डोले रसवंती बयरिया हो रामा-सगरी नगरिया
चइता चतुर चित चुपके चोरवे
चंदा चहकि चाँदनी चटकावे
छल कलि रस के गगरिया हो रामा-सगरी नगरिया
डोले रसवंती बयरिया हो रामा-सगरी नगरिया
पिपरा के डारी लहरे कंचन पाती
निमिया झरेले जइसे लवंगहि लाची
खुली गइली गन्ध के गठरियाँ हो रामा- सगरी नगरिया
डोले रसवंती बयरिया हो रामा- सगरी नगरिया
ढंरकलि धरती के चढ़ली जवनियाँ
देखते देखते जैसे हो गईली जोगिनिया
ओढ़ी राम नामी चदरिया हो रामा-सगरी नगरिया
डोले रसवंती बयरिया हो रामा- सगरी नगरिया
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