इन दो आधार कार्ड के माध्यम से हम आप को समझाने की कोशिश करेंगे
1-हर्षवर्धन जो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित है और इनकी विकलांगता प्रमाण पत्र मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में ही बनाई गई है, जो पूर्ण रूप से सही है।
2-दूसरा शंकर विजय महाले जो डी एम डी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित है फिर भी डिसेबिलिटी टाइप फिजिकल इंपेयरमेंट इसका मतलब होता है शारीरिक हानि जो पूर्ण रूप से गलत है
जब हम दुर्लभ बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी टाइप में आते हैं तो हम उस टाइप में अपना रजिस्ट्रेशन ना करके फिजिकल इंप्लीमेंट और लोको मोटर डिसेबिलिटी में क्यों कर रहे है। इसी की वजह से सरकार के पास एक्चुअल डेटा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ितो का नहीं पहुंच पा रहा है इसमें आप बताइए कि आप की ग़लती है या सरकार की हमने कई वीडियो बना कई बार व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से आप सभी को समझाना चाहा लेकिन आप सभी को बात समझ में नहीं आ रही है। यही नहीं लगभग 100 से ऊपर मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ितों का मैंने रजिस्ट्रेशन करके उनका टाइप मस्कुलर डिस्ट्रॉफी ही रख कर मैंने रजिस्ट्रेशन करके उनके व्हाट्सएप पर रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट भेजें है। जो समझदार और पढ़े लिखे हैं वह इस तरह की गलती ना करें।
धन्यवाद लेखक खुद मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित है Lav Tiwari
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यह सही सर्टिफिकेट हैं- 👍👍👍
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