एक जनाजे में देखा कुछ हिन्दू और मुसलमान थे।
जाति मजहब को छोड़ कर देखो वे सारे इंसान थे।।
समझ रहे थे अंत सफर में हर शख्स की वास्तविकता को ,
देखों कुछ राम जप रहे, मुह में कुछ अल्ला के नाम थे।।
सब को पता ये जाति धर्म बस बटाते एक दूसरे को
इनका न कोई अल्ला ताला, न इनका कोई भगवान है।।
वोट की राजनीति इतनी गंदी, नेताओं के हमदर्दी में
हम ये समझ नही पाते, और कहते बदला संसार है।।
मेरी मानो तो संभल जाओ और पहचानों अपनो को
गैर हमेशा अब गैर ही रहते इनका न कोई ईमान है।।
रचना- लव तिवारी
सम्पर्क सूत्र- +91-9458668566
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