जिंदगी जब भी तेरी बज्म में लाती है हमें
ये जमी चाँद से बेहतर नजर आती है हमें
ये जमी चाँद ...............
ये जमी चाँद से बेहतर नजर आती है हमें
ये जमी चाँद ...............
सुर्ख फूलो से महक उठती है दिल की राहें
दिन ढले यू तेरी आवाज़ बुलाती है हमें
ये जमी चाँद ...............
दिन ढले यू तेरी आवाज़ बुलाती है हमें
ये जमी चाँद ...............
याद तेरी कभी दस्तक कभी सर्गोसी से
रात के पिछले पहर रोज जगाती है हमें
ये जमी .........
रात के पिछले पहर रोज जगाती है हमें
ये जमी .........
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यो है
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें
2 comments:
Upadhya, tiwari pathak inke putro mai sandilya nhi hai
Peedhi tiwari ka charcha nhi kiya aapne
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