देते है जो उन्हे रिश्तो का वास्ता,
बच्चो सा बहला, जाते है मुझको वो।
बातें करना चाहे ,जो उनसे हम ,
अहसान सा क्यो, जताते है मुझको वो।
करते है जब, प्यार वफ़ा की बातें ,
दिवाना कहके, चले जाते है मुझको वो
चाहत नही उनको जो मुझसे ,
क्यो जिन्दगी अपनी,बताते है मुझको वो।
बात करे जो उनसे अपने दर्द की ,
अपना ही दर्द, सुना जाते है मुझको वो।
आते तो है दो चार, पलो के लिए ही ,
फिर उम्मीद, बंधा जाते है मुझको वो।
निकलने को, जो होता है दम मेरा ,
सांसे चार खैरात, दे जाते है मुझको वो।
योगेश कुमार
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