#हुनर को #आजमाना चाहती है
#गज़ल पिछला #जमाना चाहती है
#गज़ल पिछला #जमाना चाहती है
मेरे कुछ ऐसे सवाल का #जबाब दे वो
क्या मुझे वो #परखना चाहती है
क्या मुझे वो #परखना चाहती है
अभी #मंजिल नहीं है #पास कही
बहुत दूर से वो #नजर आती है
बहुत दूर से वो #नजर आती है
कभी #शिकवा नहीं गिला उससे
मेरे बारे में वो क्या #जानना चाहती है
मेरे बारे में वो क्या #जानना चाहती है
किसी #फरेब का #सिला मिला मुझे
तेरी #बेरुखी अजब #रंग ढाती है
तेरी #बेरुखी अजब #रंग ढाती है
तेरे बारे में न #सोचु तो #फिर क्या करूँ
#जिंदगी फिर मुझे तेरे #करीब लाती है
#जिंदगी फिर मुझे तेरे #करीब लाती है
Link- http://epapernationalduniya.in/epapermain.aspx?pgno=8&eddate=2016-9-17&edcode=820009
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