रविवार, 4 सितंबर 2016

देते है जो उन्हे रिश्तो का वास्ता, बच्चो सा बहला, जाते है मुझको वो- योगेश कुमार

देते है जो उन्हे रिश्तो का वास्ता,
बच्चो सा बहला, जाते है मुझको वो।

बातें करना चाहे ,जो उनसे हम ,
अहसान सा क्यो, जताते है मुझको वो।

करते है जब, प्यार वफ़ा की बातें ,
दिवाना कहके, चले जाते है मुझको वो

चाहत नही उनको जो मुझसे ,
क्यो जिन्दगी अपनी,बताते है मुझको वो।

बात करे जो उनसे अपने दर्द की ,
अपना ही दर्द, सुना जाते है मुझको वो।

आते तो है दो चार, पलो के लिए ही ,
फिर उम्मीद, बंधा जाते है मुझको वो।

निकलने को, जो होता है दम मेरा ,
सांसे चार खैरात, दे जाते है मुझको वो।

योगेश कुमार

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