चंद लम्हात ही सही,मुझे नज़र कर दो,
तुमसे मिलने ही आया हूँ,खबर कर दो।
कई फरियादें उठती है,बिछड़ जाने की,
चले आओ किे दुआएँ, बेअसर कर दो।
कहता नहीं के नाम करदो ज़िन्दगी अपनी,
एक दिन न सही, बस एक पहर कर दो।
जलवों की बिजली से नुक्सान,सिर्फ मेरा हो,
बाकी सब से कह दो,खाली ये शहर कर दो।
आ जाओगे तो,इस दिल को तस्कीन होगा,
चाहो तो खाली,बोतलों का ज़हर कर दो।
गर आ नहीं पाओ तो,बस वादा ही देदो,
आज, खत्म ये इम्तेहाने सबर कर दो ।
अज्ञात
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