आज बारी नेहरू जी के बलिदानों की।।
प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी के भारत के लिए बहुत बलिदान दिए, जिनमे से कुछ का उल्लेख नीचे दे रहा हूँ-
1- 1947 में जब सेना कश्मीर में जीत की कगार पर थी, तो ceasefire लगा दिया, जिससे पूरा कश्मीर हमारे हाथ आते-आते रह गया।
2- कश्मीर का मुद्दा UN में ले जाना सबसे बड़ी बेवकूफी, हमारे ही देश के लोगों को हमारे देश के किसी हिस्से से बाहर कर दो, और जिहादियों और मुल्लों को बसाकर वहां जनमत संग्रह करवाओ तो क्या वो हिस्सा आपको मिलेगा क्या?
3- नेहरू जी हैदराबाद रियासत को भारत में मिलाना ही नहीं चाहते थे। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद में सेना को भेजकर ऑपरेशन पोलो चलाया था,तब निजाम ने मज़बूरी में घुटने टेके थे, निजाम नेहरू जी के आने का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन सरदार पटेल जी ने नेहरू का प्लेन उतरने ही नहीं दिया था। आज भी वह टेलीफोन टूटी अवस्था में संग्रहालय में रखा है जिसपर नेहरू जी ने यह सुना था कि हैदराबाद अब भारत का हिस्सा है।
4- कश्मीर में अनुच्छेद-370 लगाकर पाकिस्तान का अधिकार अधिक कर दिया। सभी नेता और वरिष्ठ जानकार लोग इस फैसले के विरोध में थे, यहाँ तक कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भी इस फैसले का विरोध किया था, उन्होंने कहा था कि यह देशविरोधी है।
5- अक्साई चिन का बड़ा भू-भाग चीन को गिफ्ट दिया। यह तो आप सब जानते ही हैं, कर्ण के बाद दानवीर की उपाधि नेहरू जी को ही मिलनी चाहिए।
6- UN सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता चीन को मुफ़्त दे दी, एक बार फिर नेहरू जी ने दानवीर कर्ण को पीछे छोड़ने का प्रयास किया।
7- 3 चरण तक प्रधानमंत्री रहे, लेकिन बस अय्याशी की, कोई कार्य नहीं किया देश की बेहतरी और गरीबी को कम करने के लिए। कपड़े फ्रांस में धुलते थे, गर्मियां स्विट्ज़रलैंड में मनाते थे। दुनिया भर का भ्रमण कर डाला प्रधानमंत्री रहते हुए, लेकिन देश के लिए ढेला कुछ नहीं किया।
8- एक जानकार के अनुसार सड़क, बिजली और पानी की मूलभूत समस्यायें तो तभी पूरी हो जानी चाहिए थी जब नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, ऐसा न होना दर्शाता है कि नेहरू का नेतृत्व कितना क्षीण था।
9- पाकिस्तान बनाने के लिए स्वयं को भारत रत्न दे डाला। मैंने कहा न नेहरू जी दान के मामले में दानवीर कर्ण को पीछे छोड़ना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने मुस्लिमों को एक टुकड़ा भूमि दान में दी, और उसी के लिए स्वयं को भारत रत्न दे डाला।
10- यह सर्वदा सत्य है कि नेहरू जी जबतक रहे तबतक उन्हें भारत से अधिक चिंता अपने पड़ोसियों की रही, फिर वह पाकिस्तान हो या चीन।
Source- Whatsapp
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