जब रात की तन्हाई दिल बनके धड़कती है-२
यादों की दरीचों चिलमन सी सरकती है।।
यू प्यार नही छुपता पलको के झुकाने से-२
आखों के लिफाफों में तहरीर चमकती है
यादों की दरीचों..…...................
जब रात की तन्हाई
खुश रंग के परिंदो के लौटाने के दिन आये-२
बिछड़े हुए मिलते है जब बर्फ पिघलती है
यादों की दरीचों..…...................
जब रात की तन्हाई
शौहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है-२
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है।
यादों की दरीचों..…...................
जब रात की तन्हाई
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें