"गाँव हमारा "
गंगा के पावन तट से कुछ ही दूरी पर बसा हुआ है।
जनपद मुख्यालय के हमीद सेतु से रस्ता निकला है।।
वीरशहीद विश्वम्भर सिंहजी"मार्ग पकड़कर चलते जाओ।
हनुमानजी का मंदिर और शहीद की जब प्रतिमा पाओ ।।
थोड़ा ही आगे है यह सब सैय्यद बाबा की मजार से ।
जहाँ डीह बाबा स्थल पर, बैठे मनई दिखें प्यार से ।।
वही हमारी मातृभूमि है , वही हमारा गाँव है ।
युवराज पुर नाम क्षेत्र में जिसका बड़ा प्रभाव है ।।
आधात्मिकता में रुचि रखते लोग यहाँ पुरषार्थी हैं।
शिक्षित और उदार प्रकृति वाले हैं और परमार्थी हैं।।
प्रशासनिक सेवा में है, कुछ पुलिस और सैनिक भी हैं।
अन्नदाता खेतीबाड़ी वाले पूज्य कृषक भी हैं ।।
ट्रैक्टर जब से खेत जोतने लगे ,कुछ ही हैं हलवाहे ।
लेकिन गाय चराते मिल जायेंगे आपको चरवाहे ।।
सुबह सुबह लोगों का जत्था, गंगा नदी निकल जाता है।
सूर्योदय होते होते यह , हर हर गंगे कर आता है ।।
गाँव के पूरब काली माता और पश्चिम में सैय्यद बाबा।
गाँव के उत्तर गंगा जी है, और दक्षिण में बगहुत बाबा ।।
मुश्लिम भाई थोड़े से हैं, हिन्दू बहुल्य गाँव हमारा ।
प्रेम भाव से सब रहते हैं , बना हुआ है भाईचारा।।
टीबी जब से लगा , गाँव की रामलीला बन्द हुई ।
दशहरे पर दंगल आयोजन आज भी होता खुशी खुशी।।
हरिकीर्तन और रामचरितमानस अखण्ड प्रायः होते हैं।
होली, छठ, दिवाली सारे पर्व भी आयोजित होते हैं ।।
गाँव हमारा प्रतिभाशाली लोगों से भी भरा हुआ है।
राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की ख्याति पर खड़ा हुआ है।।
खेलप्रेमियों की धरती है , बालीबाल के यहाँ खिलाड़ी।
कुश्ती के भी लोग रहे हैं,कला जगत में भी है अगाड़ी ।।
मुख्य सड़क से लिंक रोड जो भी हैं बहुत खराब हैं।
बाकी सब कुछ ठीक ठाक है गाँव को बहुत रुआब है।।
गाँव हमारा यूपी के गाजीपुर जिले में आता है।
भोजपुरी भाषाभाषी हैं पूर्वांचल कहलाता है ।।
लोग यहाँ के मिलनसार हैं,अतिथि यहाँ जो आते हैं।
लौट के जब वह जाते हैं, इस गाँव को नहीं भुलाते हैं।।
हरबिंदर सिंह "शिब्बू"
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