जहां हुआ है जन्म प्रभु का मंदिर वहीं बनाएंगे - पंडित लालकृष्ण आडवाणी साल 1990 संघर्ष आडवाणी जी का 60 दिनों तक स्वर्ण जयंती रथ लेकर जो घूमे थे।श्री राम लला के पत्थर पूजे थे उनके पत्थर चूमे थे।
तीन धरोहर में एक तो स्वर्गवासी हो गए स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी, लेकिन इन दो जीवित ऱामन्दिर के धरोहरआडवाणी जी और जोशी जी को मंच पर जरूर स्थान देना चाहिए था। अगर इस वैश्विक महामारी में आना सम्भव नही था तो आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कई मिनटों के भाषण में न कही नाम लिया न कही जिक्र किया । अगर किसी शख्स ने जिक्र किया तो वो थे आदरणीय श्री मोहन राव भागवत जी
1990 श्री राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर लाल कृष्ण आडवाणी जी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा शुरू की थी. हालांकि बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर ज़िले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. चार्जशीट के अनुसार, आडवाणी ने छह दिसंबर 1990 को कहा था, ''आज कारसेवा का आखिरी दिन है.'' आडवाणी जी के ख़िलाफ़ मस्जिद गिराने की साज़िश का आपराधिक मुकदमा अब भी चल रहा है राम मंदिर निर्माण के मुख्य सूत्रधार स्वर्गीय पंडित अटल बिहारी बाजपेई जी और पंडित आडवाणी जी मुरली मनोहर जोशी उमा भारती रितंभरा देवी हैं आज पंडित आडवाणी जी को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। सरकार से अपील है की अब उनका मुकदमा बंद कर दिया जाए। आज उन्हें निमंत्रण ना मिलने पर सब चुप हैं सब के मुंह पर ताले हैं। उनके लिए आप आवाज भी नहीं उठा सकते क्या आप सिर्फ इतनी हिम्मत वाले हैं।
🌹जय श्री राम 🌹
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें