दोनों उदास है
नही बुझती अब प्यास है
नही बुझती अब प्यास है
दीवानो की बस्ती में
समुन्दर भी आस पास है
समुन्दर भी आस पास है
कौन कहेगा इन्हें बेवफ़ा
दुनिया ने इन्हें किया निराश है
दुनिया ने इन्हें किया निराश है
अब भी बस करे तो कर दु इन्हें एक मैं
देखो इनकी आखो में कितनी प्यास है
देखो इनकी आखो में कितनी प्यास है
फिर सोचा सब कुछ नही मिलता है
आज आदमी भी अपने नसीब से परेशान है
आज आदमी भी अपने नसीब से परेशान है
एक प्रेमी जोड़े की उदासियों को उजागर करती मेरी कविता
रचना- लव तिवारी
10-07-2017
10-07-2017
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