हमने तुमको चाहा है मेरा यकीन करो
दिल के हर धड़कन मे बसा लुगा मेरा यकीन करो
कोई चाहेगा मुझसे ज़्यादा तो बताना सनम
तेरे आसुओ को अपने पलको पे लुगा मेरा यकीन करो
चाहत का सिला तो क्या देगी मुझको
मैं तेरा हर मोड़ पे साथ दुगा मेरा यकीन करो
मेरे प्यार को ना समझने वाली
साया बनके तेरा साथ दुगा मेरा यकीन करो
मुझको गले लगाती तो सूखे शाख पे गुल खिलते
तेरे हुस्न की तारीफ़ मैं रोज इक नयी ग़ज़ल लिखुगा
दिल के हर धड़कन मे बसा लुगा मेरा यकीन करो
कोई चाहेगा मुझसे ज़्यादा तो बताना सनम
तेरे आसुओ को अपने पलको पे लुगा मेरा यकीन करो
चाहत का सिला तो क्या देगी मुझको
मैं तेरा हर मोड़ पे साथ दुगा मेरा यकीन करो
मेरे प्यार को ना समझने वाली
साया बनके तेरा साथ दुगा मेरा यकीन करो
मुझको गले लगाती तो सूखे शाख पे गुल खिलते
तेरे हुस्न की तारीफ़ मैं रोज इक नयी ग़ज़ल लिखुगा
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें